क्रेडिट कार्ड से किनारा कर रहे लोग! दिवाली के बाद खर्च में गिरावट, इकॉनमी के लिए क्या है संकेत?
Updated on
26-12-2024
नई दिल्ली: इस साल नवंबर में लोगों के क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च में 16% से ज्यादा की गिरावट आई है। अब ये खर्च महज 1.70 लाख करोड़ रुपये रह गया है। अक्टूबर में बैंकों को क्रेडिट कार्ड से रेकॉर्ड 2.02 लाख करोड़ रुपये मिले थे। इसकी वजह ये थी कि अक्टूबर त्योहारों का महीना है। लेकिन दिवाली के बाद लोगों के क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्चे में कमी आई है। हालांकि पिछले साल नवंबर के मुकाबले इसमें 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन एक महीने पहले के 13% से इजाफे की तुलना में ये बहुत कम है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है।
InCred इक्विटीज की रिसर्च एनालिस्ट मेघना लूथरा का कहना है कि अक्टूबर में त्योहारों की अच्छी बिक्री के बाद नवंबर 2024 में क्रेडिट कार्ड से खर्च में कमी आई है। दुकानों पर (PoS) हुए लेन-देन में 14% की कमी आई है। जबकि ऑनलाइन खर्च महीने दर महीने 17.5% घटा है। उन्होंने कहा कि त्योहारों की वजह से पहले ही खर्च बहुत ज्यादा था, इसलिए ये उम्मीद के मुताबिक ही है। हम आने वाले महीनों में इस ट्रेंड पर नजर रखेंगे कि आगे क्या होता है। भारत के तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर के बैंक एक्सिस बैंक में नवंबर में क्रेडिट कार्ड से खर्च में सबसे ज्यादा (लगभग 24%) गिरावट देखी गई। SBI कार्ड्स और कोटक महिंद्रा बैंक के क्रेडिट कार्ड्स पर खर्च क्रमशः 21% और 16.8% घट गया। अक्टूबर के मुकाबले लेन-देन की संख्या में 9.1% की कमी आई है।
नए कार्ड जोड़ने की रफ्तार में कमी
IDBI कैपिटल के विश्लेषक बंटी चावला के अनुसार, क्रेडिट कार्ड के बकाया भुगतान में बढ़ती देरी के कारण निकट भविष्य में नए कार्ड जोड़ने की रफ्तार कम होने की उम्मीद है। नवंबर में HDFC बैंक का बाजार हिस्सा महीने दर महीने 30 बेसिस पॉइंट से बढ़ा, जबकि SBI कार्ड्स का 90 बेसिस पॉइंट से घटा। ICICI बैंक में 20 बेसिस पॉइंट की गिरावट आई। वहीं, एक्सिस बैंक के बाजार हिस्से में 120 बेसिस पॉइंट की कमी आई। इंडसइंड बैंक ने 50 बेसिस पॉइंट का बाजार हिस्सा बढ़ाया। बैंक नए कार्ड जारी करने में भी सतर्कता बरत रहे हैं। नवंबर में नए कार्ड सिर्फ 3,50,000 जोड़े गए, जो अक्टूबर के 7,80,000 से आधे से भी कम है। पिछले साल के मुकाबले नए कार्डों में 73% की कमी आई है। नवंबर के अंत तक कुल एक्टिव क्रेडिट कार्ड की संख्या 10.72 करोड़ थी। इसकी वजह ये है कि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां प्रीमियम कार्ड्स पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
खर्च करने की क्षमता में कमी का संकेत
त्योहारों के बाद खर्च में आई तेज गिरावट से पता चलता है कि उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता या इच्छा कम हो रही है। वहीं, क्रेडिट कार्ड के बकाये में बढ़ोतरी से पता चलता है कि लोग अपने कर्ज को समय पर चुकाने में सक्षम नहीं हैं, जिससे बैंक भी नए कार्ड जारी करने में सतर्क हो रहे हैं। कुल मिलाकर, यह एक कमजोर होते उपभोक्ता बाजार और आर्थिक अनिश्चितता के संकेत देती है।
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